बहारो का दिन है ,
बारिस की रिमझिम है ..
न जाने क्या हो कल को ?
आ जी ले इस पल को , आ जी ले इस पल को
फूलों की खिले वादी हैं
खेतो की हरियाली हैं
जानते हैं क्या था कल को ,जाने क्या हो कल को ?
आ जी ले इस पल को,आ जी ले इस पल को
न जाने क्या हो कल को ..
लम्हों का ये एहसास हैं
आज हम तेरे कितने पास हैं ,
दूर तो होना ही हैं कल को ..
न जाने क्या हो कल को ..
आ जी ले इस पल को , आ जी ले इस पल को
गुजर रहा है वक़्त जेसे सदियों की तरह ...
आंखें भी बहती रहेंगी नदियों की तरह ..
थामना है वक़्त के उडते आचल को ...
आ जीले इस पल को ,,, आ जीले इस पल को ,,,
न जाने क्या हो कल को ..


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