Monday, 19 March 2012

इस पल को


बहारो का दिन है ,
बारिस की रिमझिम है ..
न जाने क्या हो कल को ?
आ जी ले  इस पल को , आ जी ले  इस पल को

फूलों की खिले वादी हैं
खेतो की हरियाली हैं
जानते हैं  क्या था कल को ,जाने क्या हो कल को ?
आ जी ले  इस पल को,आ जी ले  इस पल को
न जाने क्या हो कल को ..

लम्हों का ये एहसास हैं
आज हम तेरे कितने पास हैं ,
दूर तो होना ही हैं  कल को ..
न जाने क्या हो कल को ..
आ जी ले  इस पल को , आ जी ले  इस पल को

गुजर रहा है  वक़्त जेसे सदियों  की  तरह ...
आंखें  भी बहती रहेंगी  नदियों की तरह ..
थामना है वक़्त के उडते आचल को ...
आ जीले इस पल को ,,, आ जीले इस पल को ,,,
न जाने क्या हो कल को ..


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