Monday, 19 March 2012

खूबसूरत एहसास ...


तनहा चलते थे कभी ,
क्यों कोई अब साया सा साथ चलने लगा है
चुप रहते थे कभी ..

क्यों कोई साँसों की तरह मन में बसने लगा है ..
धुप में निखेरते थे
अब सावन खूबसूरत लगने लगा है ..
कभी चैन से सोया करते थे ..
अब कोई ख्वाब बनकर नींदों में बसने लगा है ..
ये बड़ा खूबसूरत
एहसास हैं,
एक नया सा जहां यहाँ बसने लगा हैं..
ख्वाब देखा करते थे जिसके बरसो से
वो शख्स मेरे आस पास लगने लगा हैं..
तनहा चलते थे कभी ,
क्यों कोई अब साया सा साथ चलने लगा है !!





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बदसुलूकी