Thursday, 22 March 2012

उफ़ !! ये मोहब्बत हैं ?



मेरे मन के किसी कोने में आज भी 
वही एक दहशत हैं
अमावास सा कहर हैं
उफ़ !! ये मोहब्बत हैं !! 

कैसे सुकून में जी जाते हैं लोग
करके इश्क.. 
मेरे दिन रातों में बस उसकी हुकूमत हैं ..
खुदा की मेहर हैं
उफ़ !! ये मोहब्बत हैं !!

बंदिशे लगी है यादों की
जिंदगी में उल्फत ही उल्फत हैं
दिल में कोई दस्तक हैं,
हर पल में उसकी आहट हैं ..
जाना अंजना सा शेहेर हैं
उफ़ !! ये मोहब्बत हैं !! 


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