मुस्कुराके भी आँखों में नमी सी होती हैं
इन महफ़िलो में भी एक कमी सी होती है
सावन में जैसे बंज़र जमी सी होती हैं
मुस्कुराके भी आँखों में नमी सी होती हैं..
बदल के रास्ते भी,नज़रें उसी पे थमी सी होती हैं,
उसकी यादों की धुन में,सांसें भी रमी सी होती हैं..
इन महफ़िलो में भी एक कमी सी होती है
मुस्कुराके भी आँखों में नमी सी होती हैं


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