Wednesday, 2 May 2012

कोई क्या समझे ..


जागती आँखों में भी कई ख्वाब है आते ,
कोई क्या समझे इस मन के रिश्ते और नाते..
वही करते है प्यार,जो सबसे ज्यादा है सताते,
कोई क्या समझे इस मन के रिश्ते और नाते..

आसुओं को वजह देकर फिर मानाने हैं आते

कोई क्या समझे इस मन के रिश्ते और नाते..
वही करते है तकरार,जो सबसे ज्यादा है चाहतें,
कोई क्या समझे इस मन के रिश्ते और नाते..


 

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