उसकी याद बेवक्त , दिल के हर दर्द जगा देती है... मेरे वजूद मेरी हकीकत से , एक फासला बना देती हैं... मैं चाहे जाऊं जिधर , वो अपना करवा बना लेती हैं... जरूरतें भी जाने , कैसी ये आदत बना देती है... सांसें है ,मगर पल पल में दम घुटता है . . . . ! किसी के आने की आहट भी, एक आफत बना देती हैं...
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