Pari Tales
Tuesday, 19 April 2011
किसी की यादों में चिराग बुझाना अच्छा लगता है ,
आंखें बंद करके अपनी उनमे कुछ ख्वाब सजाना अच्छा लगता है
क्या हो रहा है ये ..
क्यों शभनमी ओस की तरह भीगी है आज फिर पलके
शायद इसी स्याही से हमे ग़ज़ल बनाना अच्छा लगता है ..
2 comments:
karan_sharma.cool
1 May 2011 at 01:53
wow
Reply
Delete
Replies
Reply
Seema
18 January 2012 at 01:35
too good
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बदसुलूकी
तुम भी जा रहे हो अब
सच ही कहा है किसी ने .. नहीं यहाँ किसी का ठिकाना तुम भी जा रहे हो अब करके नया एक बहाना... चाहा उन्हें शामो शेहेर...
ये फ़ासलें..
ख़ामोशी में वो बनके आवाज रहा करता हैं, मेरे आँखों मैं उसके ख्वाबों का, एक जहान बसा करता हैं.. तन्हाई में अक्सर, कोई मेरा नाम लिया करता...
ये फ़ासले...2
" एक शख्स का आपसे बार बार हर राह में टकराना ...ये इत्तेफाक है?किस्मत है?या दोनों अनचाहे रास्तों का मिलना ?नहीं पता .. " यु त...
wow
ReplyDeletetoo good
ReplyDelete