Tuesday, 19 April 2011

सबको सब कुछ नहीं मिलता





समुन्दर की सीपी में सबको मोती नहीं मिलता,
भटकती है ये परी उसको साहिल नहीं मिलता,
रेट के किनारों में किसी ने दर्द की कलम से लिखा है की..
सबको सब कुछ नहीं मिलता,सबको सबकुछ नहीं मिलता !!!


फूल एक पल को मुस्कुराता है..
दुसरे ही पल वो मुरझाता है,
पत्तियाँ हरी-भरी हरदम नहीं होती,

यु  तो ज़िन्दगी में हमेशा मायूसी नहीं होती..

जो ज़िन्दगी के हर एक पल को जीना चाहता है,
उनके पास चंद पलों की रौनक नहीं होती,
जिसके पास है लम्हे वो जीना ही नहीं चाहते
उनके पास जीने की वजह नहीं होती..


हर पल में हमेशा गम नहीं होता,आकाश के तारों में से
किसी ने तड़प के कहा है की..
सबको सब कुछ नहीं मिलता ,सबको सब कुछ नहीं मिलता..



1 comment:

  1. सबको सब कुछ नहीं मिलता ! fact

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बदसुलूकी