Friday, 6 January 2012

ये फासलें ......3




फासलों में भी,करीब जाने के
कई रास्ते दिखाती है,

बड़ी अजीब सी आदत अक्सर
जिंदगी दोहराती हैं..



कैसे भूल जाऊ ,उनकी कही
हर एक बातें याद आती है..
बड़ी अजीब सी आदत अक्सर
जिंदगी दोहराती हैं..


नामुमकिन उन मंजिलो से
क्यों वादियाँ टकराती है..
बड़ी अजीब सी आदत अक्सर
जिंदगी दोहराती हैं



शाम को सिन्दूरी अस्मा देखकर
खवाबों की कल्पना याद आती है,
बड़ी अजीब सी आदत अक्सर
जिंदगी दोहराती हैं


फासलों में भी,करीब जाने के
कई रास्ते दिखाती है..

बड़ी अजीब सी आदत अक्सर
जिंदगी दोहराती हैं..






1 comment:

बदसुलूकी