Pari Tales
Friday, 20 January 2012
तुम हो...
सुबह का पहला ख्याल तुम हो,
मेरी जिंदगी का पहला सलाम तुम हो,
झील से बहेता गुलाब तुम हो..
यादों का मेरी हिसाब तुम हो..
खुली आँखों से देखा एक ख़्वाब तुम हो,
बरसो ढूँढा जिसे वो जवाब तुम हो,
झील से बहेता गुलाब तुम हो..
यादों का मेरी हिसाब तुम हो..
इंतज़ार मुझे है,बेताब तुम हो,
गजलों की मेरी किताब तुम हो,
झील से बहेता गुलाब तुम हो..
यादों का मेरी हिसाब तुम हो..
सलामती का जैसे आदाब तुम हो,
बेकरारी का मेरी,हाल तुम हो,
झील से बहेता गुलाब तुम हो..
यादों का मेरी हिसाब तुम हो..
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बदसुलूकी
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