Pari Tales
Monday, 28 November 2011
चंचल मन ...
जो जाता हैं जाने दो,अगर वो कभी वापस आये..
जो उसे ठुकराओ भी नहीं और अपनाओ भी मत..
ठुकराओ इसलिए नहीं की उसने तुम्हे कभी ठुकराया था..
और अपनाओ इसलिए नहीं,
की चंचल मन को काबू करना,हवा के झोके को हाथ में कैद करने सा है !
2 comments:
karan_sharma.cool
24 December 2011 at 04:51
or hawa ko kaed karna asaan kahan
Reply
Delete
Replies
Reply
Seema
18 January 2012 at 01:44
True
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बदसुलूकी
तुम भी जा रहे हो अब
सच ही कहा है किसी ने .. नहीं यहाँ किसी का ठिकाना तुम भी जा रहे हो अब करके नया एक बहाना... चाहा उन्हें शामो शेहेर...
ये फ़ासलें..
ख़ामोशी में वो बनके आवाज रहा करता हैं, मेरे आँखों मैं उसके ख्वाबों का, एक जहान बसा करता हैं.. तन्हाई में अक्सर, कोई मेरा नाम लिया करता...
ये फ़ासले...2
" एक शख्स का आपसे बार बार हर राह में टकराना ...ये इत्तेफाक है?किस्मत है?या दोनों अनचाहे रास्तों का मिलना ?नहीं पता .. " यु त...
or hawa ko kaed karna asaan kahan
ReplyDeleteTrue
ReplyDelete