Tuesday, 8 November 2011

क्या करे .







कैसे हुए हैं ये  हालात क्या करे 
हुए हैं उनकी साज़िस का शिकार क्या करे
उनकी आदत हैं दिल दुखाने की 
हमको हुआ हैं प्यार तो हम क्या करे


इन राहों से हम यु अनजान तो नहीं थे.. 
हम इतने भी कभी नादान तो नहीं थे..


इतने  हुए है वो ख़ास क्या करे 
कोई कसूर उनका भी नहीं क्या करे 
उनकी आदत हैं खफा हो जाने की..
हमको हुआ है प्यार तो हम क्या करे


कहते है जीने के लिए एक कमी जरूरी हैं 
चंद लफ़ज़ों की तलाश हैं ,एक ग़ज़ल अधूरी हैं 

कैसे हुए है वो पास क्या करे
थामकर हाथ पूछते हैं हाल तो इनकार क्या करे
उनकी आदत है रूठ जाने की 
हमको हुआ हैं प्यार तो हम क्या करे



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बदसुलूकी