Tuesday, 2 August 2016

उसकी मुहब्बत...1



<Post: 164* >



यकीं है मुझे उसकी हर कही-अनकही पर
फिर भी एक इंतज़ार सा रहता है ,
"उसकी मुहब्बत जाहिर करने का"



No comments:

Post a Comment

बदसुलूकी