Pari Tales
Tuesday, 2 August 2016
दीवानगी
<Post: 163*>
खफा नहीं जब ,तो ये नाराज़गी क्यों है
खूबसूरत सी दिखती, ये सादगी क्यों है
कैसा है ये जश्न के धड़कने शोर मचा रही है...
इश्क़ नहीं जब, तो ये दीवानगी क्यों है
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बदसुलूकी
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