Friday, 17 February 2012

एक तरफा ...

 
 
खवाबों की रातें है
फिर भी नींद नहीं आती ,
गुलाबों की सेजों से..
वो मुस्कान नहीं आती,
कौन कहता है ?
दर्द की रात में भर गम सोने नहीं देता..!!!
यहाँ तो खुशी की
रातों में भी नींद आती..
एक तरफा ही धड़कता है
क्या दिल मेरा यु,
उसके तरफ से दास्ताँ नहीं आती.. !!!


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बदसुलूकी