Wednesday, 29 February 2012

जान के भी अनजान होना


जिनके आने से बदले जिंदगी के तोर तरीके
बंदिसो में भी खुला आसमा होना ,कोई उनसे सीखे !!
जिनके बिन लगते है फूलों के हर रंग फीके 
 उनको करीब पाया हैं उनके एहसासों में जीके
जान के भी अनजान होना कोई उनसे सीखे,
मुस्कुराके कभी मुझपे मेहेरबा होना,कोई उनसे सीखे !!

जान के भी अनजान होना कोई उनसे सीखे..
भीड़ में भी एक वही आवाज मेरे इस मन में गूंजे,
उसके ख्यालों से न फुर्सत है, न दूजी कोई बात इस दिल को सूझे 
सुबह एक वही चेहरा,मेरे सामने दिखे,
जान के भी अनजान होना कोई उनसे सीखे,
यकी है इस जहाँ में कोई नहीं हैं ऐसा
 उनसे मिलते - जुलते क्यों लगते हैं फिर चेहरे सभी के
जान के भी अनजान होना कोई उनसे सीखे..





Monday, 27 February 2012

कसूर मेरा नहीं



कहते कहते कभी मैं खामोश हो  जाती  हूँ , उससे  छुपकर .............
खुद की परछाइयों से डर जाती हूँ
कसूर मेरा नहीं उसका है ..

" जो शोर बनके मेरे कानो में गूंजता है
मैं उसकी बातो में  खुद को भूल जाती हूँ "

वो क्यों गेरो की तरह मिलता है?
उसकी आहटों से टकराकर ,खुद को को तनहा कर जाती हूँ..

" क्या लिखा था तक़दीर में  खुदा राज़ बताना भूल गया
उसका हर लफ्ज़ बिना कहे पढ़ लेती हूँ ,शायद वो मुझसे छुपाना भी भूल गया "

" ख़त लिखू किस तरह ,कोरे कागजों में, मैं ग़ज़ल बनती हूँ ..
किन शब्दों में क्या बात लिख दूं ,समझ नहीं पाती हूँ ... "

कसूर मेरा नहीं उसका है..?
वो क्यूँ इतना खामोश रहता है..
उसके ख्यालों से टकराकर,किन्ही राह में उससे मिल जाती हूँ.



 





Saturday, 25 February 2012

पल दो पल



पल दो पल के साथ में
वो अब जुदाई की बात करते है..


लेके हाथों को हाथ में
वो अब रुसवाई की बात करते है..


ख़ामोशी की आड़ में
वो अब तन्हाई की बात करते है..


सूने से भी सूना है इस दिल का नगर
वो अब शेहनाई की बात करते है..


 पल दो पल के साथ में
वो अब जुदाई की बात करते है...


बीते कल की किताब में
वो अब खुदाई की बात करते है.....


Saturday, 18 February 2012

उनका साथ..



उनके साथ होने पे वक़्त की आहटें  नहीं होती,
नज़रें थम जाती है कहीं..कोई आवाजे , कोई क़यामतें नहीं होती..
जान पहचान बहुत हैं उन आँखों से मेरी,
लेकिन किन्हीं शब्दों में उनसे ,कोई बातें नहीं होती...
सामने रहना उनका माएनें रखता है बस,
बेचैनी तब होती है, जब उनसे मुलाकातें नहीं होती... 






Friday, 17 February 2012

जाने क्या ?


कठिन तो नहीं राह मगर
एक रुसवाई का डर सताता क्यों रहता है..
कभी मै तो कभी वो,
फासलों को मिटाते रहता है..
क्यों ताकता हैं मुझे इस तरह..
क्यों अपने करीब लाता रहता है,
नामुमकिन सी लगती है ये बातें मुझे..
तब भी सीधे लफ़्ज़ों में समझाता रहता है..
कुछ कहते नहीं वो भी
कुछ सुनते नहीं हम भी..
फिर भी जाने क्या ?  हमें एक दूजे के करीब लाता रहता है ..

एक तरफा ...

 
 
खवाबों की रातें है
फिर भी नींद नहीं आती ,
गुलाबों की सेजों से..
वो मुस्कान नहीं आती,
कौन कहता है ?
दर्द की रात में भर गम सोने नहीं देता..!!!
यहाँ तो खुशी की
रातों में भी नींद आती..
एक तरफा ही धड़कता है
क्या दिल मेरा यु,
उसके तरफ से दास्ताँ नहीं आती.. !!!


Thursday, 2 February 2012

My Life is full of surprises ...3



कहते है न, जब बच्चा मुसीबत में होता है तो एक अंश जो कहीं छुपा जरूर है, पर हम सबसे अनजान नहीं है,उसे कैसे न कैसे एहसास हो जाता है,और वो किसी रूप में आकर,या किसी के जरिये आपकी मदद जरूर कर देता है..मुझे उस शक्ति पर अटूट विश्वास है,वरना मैं तो अपनी परछाई तक का यकीं नहीं करती हूँ.


 मैं  "  उससे  "  हां उससे ही..जिसका नाम भी मुझे नहीं पता,पहली बार वहाँ मिली, जहाँ से दुनिया के लाखों लोग गुजरा करते है,कौन सा रास्ता किसे कहाँ लेके जाता है ,क्या पता?
मैं कॉलेज से पैदल आ रही थी,और इसके बाद मेरे लिए रोड क्रोस करना,इतना हानिकारक साबित हो जायेगा इसका मुझे जरा सा अंदाजा भी नहीं था.


पहले तो मैं पूरे 15मिनट वहाँ खड़ी रही,के जैसे ही रोड जरा खाली हो जाएगी में क्रोस कर लूंगी,ऐसा करते -करते बहुत समय बीतता गया,और इत्तेफाक तो देखिये ,उसी दिन मुझे अकेले सफ़र करना था.


बार - बार घडी का समय देखे जा रही थी,आखिरकार,मैंने जरा सी हिम्मत करके कदम आगे बढ़ा ही लिया,उसके बाद क्या हुआ मुझे ?ये बात अब तक मेरे लिए एक रहस्य बनी हुई है,वैसे तो मुझे शोर सुनते ही उस माहोल से भाग जाने का मन करता था,पर उस दिन,मुझे न लोगो के चिल्लाने की आवाज ही सुनाई दी,न गाड़ियों का होर्न ही सुनाई दे रहा था,मैं बस एक जगह स्थिर सी खड़ी हो गयी थी.

होश तब आया ,जब किसी से अचानक से मेरा हाथ पकड़ा और रोड की दूसरी ओर लेकर मुझे दौड़ने लगा,मैं उसे देखने लगी की ,"क्या मैं इसे जानती हूँ?"

रोड की दूसरी ओर लाके मुझपे ऊची आवाज में बरस पड़ा,"तुम्हे मरने का शौक है क्या?कितने देर से पब्लिक तुम्हारी वजह से परेशान हो रही है,तुम्हे दिखाई नहीं देता.."


मेरे घबराहट के मारे आँखों से पानी आ गया.मैं उससे कहती भी तो क्या कहती,मुझे खुद नहीं पता था उस दिन मुझे हुआ क्या था.मुझे रोता देखकर, वो डर गया कहने लगा,"Oh Please don't cry ! police  वाला आ रहा है तुम इस तरह रोई,तो वो मुझे अन्दर कर देगा "
मैंने उसको थैंक्स कहा  ..
उसने कहा," Come on ,अब उदास मत हो,but be careful ओर एक ओर बात,मैं हर बार इसी रास्ते गुजरूँगा ये भी possible नहीं है(हँसकर),तो रोड क्रोस करना सीख लो.. "


मैंने (मुस्कुराकर) "  thanks again,nice to meet you ,बाय !! "   कहा फिर अपने रास्ते की ओर बढ़ गयी.. 



" किसने क्या खोया,किसने क्या पाया ?
अंधेरों में भी उसने मुझे उम्मीदों का दिखाया साया,
 मुश्किलों  में धुंधलाने लगे रास्ते
कोई मंजिल ना सूझी जब ..
एक नया साथी  बनाके खुदा ने  मुझसे उसे मिलवाया ! "


बदसुलूकी