Pari Tales
Friday, 5 December 2014
कहीं तो है..
वो है कहीं, शामिल मुझमे
जो कभी मुझको खोने नहीं देता
खींच लाता है ,उदासी की पनाहों से
वो कभी मुझको, रोने नहीं देता
कोई एहसास है..
एक ख्वाब है ..
या ये इत्तेफक है..
जो होके भी किसी का
वो मुझको, होने नहीं देता ..
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