Wednesday, 4 September 2013

शीशो के ख्वाब


टूट जाये जहा ख्वाइशे 
शीशो के ख्वाब से
उनसे रूबरू ,खुद को वहा बार- बार नहीं करते ...

बेसब्र इन्तहा हो तो
बेशुमार चाहना है फ़िज़ूल
हम भी किसी का... अब इंतजार नही करते .......


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बदसुलूकी