Sunday, 18 August 2013

मेरे लिए


खुदा जाने मेरे लिए क्यों
हद से गुज़र जाता हैं ,

मेरी ख़ुशी की खातिर
हर सरहद से उलझ जाता हैं,

इतिहास में छुपा एहसास गवाह है की …

जब '' दिल की फितरत '' में आये
हर इन्सान बदल जाता है..

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बदसुलूकी