Tuesday, 21 May 2013

तू भूल गया .. मुझे याद भी नहीं..


मंजिलों के मुकाम
पे कोई साथ भी नहीं..
लगे दिलचस्प ऐसी
कोई मुलाकात भी नहीं..
यादों के साखों पे,
ठहरा-ठहरा एक लम्हा था.
तू भूल गया
तो अब, मुझे याद भी नहीं..


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बदसुलूकी