Friday, 25 October 2013

कितने अलग है....






  " एक दूजे के होके भी हम,
कितने अलग है..
तुम रूठ जाते हो
हम टूट जाते हैं… "


Tuesday, 22 October 2013

ये सांसें



 post- 137*
थाम लेगा वो , तब भी मैं..
रस्में-मोहब्बत हार ही जाउंगी
सहम जाते ही उसके ,
और धीमी होती जाएगी , ये सांसें मेरी ...


Thursday, 3 October 2013

तेरी याद लिख रही हूँ ....



Post-136*

सदियों से नहीं हुई...
वो बात लिख रही हूँ ,
उदासी की पनाहों में
तेरी याद लिख रही हूँ ....

मेरी किन्ही नजाखातों पे
तेरा वो सख्त हो जाना..
याद आता है बहुत मुझे
तेरा हर रोज मानना ...

कुदरत के नियमों से ढली 
ये शाम लिख रही हूँ..
उदासी की पनाहों में
तेरी याद लिख रही हूँ ..

बदसुलूकी