Pari Tales
Wednesday, 10 April 2013
हादसा
हकीकत के जहाँ में,
एक सपना साकार हुआ..
मोहब्बत भी उससे हुई ,
जिससे हर दफा तकरार हुआ..
कदमों की आहटों से,
आगन में सावन का दीदार हुआ..
इन निगाहों के साथ..
ये हादसा बार- बार हुआ ...
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बदसुलूकी
तुम भी जा रहे हो अब
सच ही कहा है किसी ने .. नहीं यहाँ किसी का ठिकाना तुम भी जा रहे हो अब करके नया एक बहाना... चाहा उन्हें शामो शेहेर...
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ये फ़ासले...2
" एक शख्स का आपसे बार बार हर राह में टकराना ...ये इत्तेफाक है?किस्मत है?या दोनों अनचाहे रास्तों का मिलना ?नहीं पता .. " यु त...
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