Sunday, 22 July 2012

पहली बारिश


पहली बारिश की, मिटटी की खुशबू ,उसका एहसास दिलाने लगी..
अँधेरी रात में फिर उसकी याद आने लगी...
उसकी नजरों के सागर में जा उभारना था,
के बिन मौसम अब कुछ फुहार आने लगी...
अँधेरी रात में फिर उसकी याद आने लगी...
चोरी चोरी अक्सर वो भी मुझे ताकता है,
फिर से मेरी दुनिया में बारिशो की बाहर आने लगी..
अँधेरी रात में फिर उसकी याद आने लगी...


Monday, 9 July 2012

बारिश....




"पहली बारिश में.. बाहे फैलाकर,
दुआ और इबादत की
बहुत खूब है वो इंसा ,
जिसने बारिशों से मोहब्बत की ...
शीतल सी बूंदों ने..
कुछ गमों से राहत दी..
बहुत दिलकश लगता है ये समां उसे ,
जिसने कभी किसी से मोहब्बत की..."



बदसुलूकी