अजनबी से शेहेर में
आजाद ख्याल की लड़की हूँ
आसमा की चाहत में
बाहें फैला के उड़ती हूँ
थोड़ी सी सरफिरी हूँ
बात बात में चिढ़ती हूँ
अनगिनत ख्वाइशों लिए
सरे-जहां से लड़ती हूँ
नाम पता नहीं मेरा
गुमनाम गुमनाम सी फिरती हूँ
रेशम हवा ,तनहा शाम में
रुत-ए-मुस्कान से मिलती हूँ
अजनबी से शेहेर में
आजाद ख्याल की लड़की हूँ
आसमा की चाहत में
बाहें फैला के उड़ती हूँ

