Monday, 4 August 2014

साथ ..






उसे उड़ान कि तलब
मुझे आसमान पसंद था,
उसे समंदर कि ख्वाइश
मुझे बारिश-ए- ख्वाब पसंद था ,
जुदा सी थी दोनों की अदाएं
पर जाने क्यों एक दूसरे का साथ पसंद  था



बदसुलूकी