Pari Tales
Sunday, 7 July 2013
तन्हाई और कलम
तन्हाई और कलम
बस साथ है मेरा,
ख्याल के गजलों में
हाथ है मेरा..
वही जिद.. वही
जज्बात है मेरा..
ख्वाबों की मंजिलों में
दिल बर्बाद है मेरा...
तन्हाई और कलम
बस साथ है मेरा...
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Comments (Atom)
बदसुलूकी
तुम भी जा रहे हो अब
सच ही कहा है किसी ने .. नहीं यहाँ किसी का ठिकाना तुम भी जा रहे हो अब करके नया एक बहाना... चाहा उन्हें शामो शेहेर...
ये फ़ासलें..
ख़ामोशी में वो बनके आवाज रहा करता हैं, मेरे आँखों मैं उसके ख्वाबों का, एक जहान बसा करता हैं.. तन्हाई में अक्सर, कोई मेरा नाम लिया करता...
ये फ़ासले...2
" एक शख्स का आपसे बार बार हर राह में टकराना ...ये इत्तेफाक है?किस्मत है?या दोनों अनचाहे रास्तों का मिलना ?नहीं पता .. " यु त...