मेरी सोती आँखों में भी ,उसके ख्वाबों का सवेरा रहता हैं
जाने कैसे लोग चैन से सो जाते हैं ?
मेरी जागती आँखों में भी,उसके अक्स का ही बसेरा रहता है
जाने कैसे लोग चैन से सो जाते हैं ?
मेरी अमावस रातो में भी,रोशन अँधेरा रहता हैं..
जाने क्यों लोग चिरागों की लौ जलाते हैं?
मेरे साथ न होके भी,वो साथ हमेशा रहता हैं,
जाने कैसे लोग फासलों में दिन बिताते हैं..





